Friday, May 28, 2010

नक्सली होने का दंभ !

आदर्श की बात वो करते हैं , जीवन की लड़ाई इंसानों से लड़ते हैं
वो बात कहाँ हैं इनमे अब ,जिस पर ये नक्सली होने का दंभ भरते हैं

इस प्रजातंत्र में भी देखो सरकार तो इनसे डरते हैं
वो बात कहाँ हैं इनमे अब ,जिस पर ये नक्सली होने का दंभ भरते हैं |

हिंसा का दामन थामे हैं ये हक़ की लड़ाई लड़ते हैं |
वो बात कहाँ हैं इनमे अब ,जिस पर ये नक्सली होने का दंभ भरते हैं ||

जज्बातों में उठी बन्दूक में ये प्रतिशोध की गोली भरते हैं |
वो बात कहाँ हैं इनमे अब ,जिस पर ये नक्सली होने का दंभ भरते हैं ||

अब आम लोग भी चौपालों पर इनकी रणनीती पर हसते हैं |
वो बात कहाँ हैं इनमे अब ,जिस पर ये नक्सली होने का दंभ भरते हैं ||

1 comment:

Unknown said...

सरकार डरती नहीं वल्कि िन आतंकवादियों की मददगार हैं क्योंकि जिसकी ये सरकार गुलाम है इसे भारत को तबाह करना अच्छा लग रहा है।

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