Sunday, December 5, 2010

ख्वाब था शायद !

नींद आ जाती मुझे भी, अगर उनकी बाहों का सहारा होता|
बन जाता रेत भी अगर उनका प्यार किनारा होता ||


रातें अब भी उतनी ही खामोशी से रोज आते हैं |
आँखें खुली रह जाती हैं,और हम उन्हें सोच पाते हैं||


उनसे वादा किया था कि अब उन्हें सपनो में भी नहीं लाउंगा|
भावनाओं और जज्बातों के बोल कभी नहीं लिख पाउँगा||


मेरी परछाई ने भी है ,अब मुझसे नाता तोड़ लिया|
जीवन के हर रंग से मैं ने अब अपना मुंह मोड़ लिया ||


Wednesday, December 1, 2010

विकास के रथ पर बिहार

"मैं बिहारी हूँ और मुझे गर्व होता है यह कहते हुए" ये बात सिर्फ अकेले मेरी कहानी नहीं है बल्कि उन तमाम बिहारियों की है जो अपने राज्य से दूर रहकर अपने रोजी रोटी की तलाश में हैं, या अनवरत प्रयास रत हैं |राज्य की जनता को बिहारी होने का गर्व महसूस हो रहा है , और हो भी क्यों ना क्योंकि आज हमारी तुलना गुजरात से की जाने लगी है |नीतीश और उसके गठबंधन के सरकार की जीत कोई जादू नहीं है ,बिहार की जनता ने विकास को अपनाया है और इस सत्य से मुह नहीं मोड़ा जा सकता है |

चुनाव परिणाम घोषित होने वाले दिन मेरे एक मित्र प्रशांत जी ने मुंबई से फ़ोन पर बधाई दी, और कहा कि आखिर विकास की जीत हुई |और अब विकास में बदलाव होगा | बच गया मुझे तो मानो डर लग रहा था कि कही उलट फेर ना हो जाए उनके शब्द में उनका आत्मविश्वास दिख रहा था और खुशी भी झाँक रही थी |

राज्य में बहुत कुछ बदला है, और बहुत कुछ बदलना बांकी है , बेशक अब बिहार की सडकें बेहतर हुई है, और बच्चे भी स्कूल जाने लगे हैं ,यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि आज राज्य एक प्रतिमूर्ती की भूमिका निभा रहा है| अगर राज्य की जनता ने सरकार में बिश्वास दिखाय है तो सरकार को भी यहाँ की जनता की आशाओं और उम्मीदों पर खडा उतरना होगा |

"ये पब्लिक है सब जानती है", लतीफे और जुमलों का ज़माना लद गया | अब जरूरत है विकास की ना कि झूठे वादों की | राज्य की जनता की जागरूकता ने यह साबित कर दिया है कि वो विकल्प ना होने की वजह से एस नहीं कर रही है बल्कि अपनी पूरी बुधिमत्ता से यह निर्णय लिया है जो कई मायनों में राज्य के विकास में सहायक साबित होगा |

हम अपने राज्य को अगर सपनो का बिहार कहें तो शायद एक सुखद अनुभूति होती है , लेकिन सपनो का बिहार बनाना केवल एक सरकार और कुछेक नेताओं के बस में नहीं है | यहाँ की हर जनता को अब सरकार के साथ खडा होना होगा और विश्वास दिलाना होगा कि हम आपके साथ हैं ना सिर्फ आपको जिताने के लिए बल्कि जमीनी तौर पर काम करने के लिए भी |

राज्य की सरकार ने जनता को विकास का मतलब समझाया और उसे अपने काम से परिभाषित भी किया |अब हम यह नहीं कह सकते कि सरकार सो रही है|इस सरकार को हम ने अगर दुबारा मौक़ा दिया है तो सिर्फ इसलिए कि विकास की जो ललक यहाँ की जनता में पैदा हुई है उस पर कितना काम हो सकता है |

नीतीश बाबु अब अपनी इंजीनयरिंग से कैसे बिहार की दशा और दिशा परिवर्तन के लिए सोचते हैं यह एक देखने लायक बात होगी | राज्य की जनता मूर्ख नहीं है जिसे आसानी से ठगा जा सकता है|बिहार के विकास का भविष्य अब सरकार और जनता के दोहरे घोड़े वाले बघी के लगाम से बांधी जा चुकी है|

जरूरत है कि नीतीश एक अच्छे सारथी की भूमिका निभाएं तो राज्य का यह रथ जनता उन्हें बार बार चलाने का मौक़ा देगी |

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